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डमरू यंत्र क्या है What is Damru Yantra

नमस्कार में सुनील आपका दोस्त आज में आपको डमरु यंत्र के बारे में बताने वाला हु सबसे पहले देख लेते हैं कि डमरु यंत्र का उपयोग किसमें किया जाता है तो सबसे पहले तो यह है कि डमरु यंत्र का प्रयोग रसो के निर्माण के लिए किया जाता है रस में रूप में परिवर्तित करने के लिए किया जाता है दूसरा यह है कि पारद और संख्या का ऊरधपतन करने के लिए डमरु यंत्र का प्रयोग किया जाता है और तीसरा हिंगुल से पारद निकालने के लिए डमरु यंत्र का प्रयोग किया जाता है और एक पहला रसो के निर्माण या फिर रसो को भस्म में रूप में परिवर्तित करने के लिए दूसरा पारा दो संख्या का उत्पादन करने के लिए और तीसरे पाठ के निष्कासन के लिए डमरू यंत्र का उपयोग किया जाता है तो आईये देख्खते हे की कैसे दिखता है और किस तरीके से उपयोग किया जाता है उसे देखते हैं तो देखिए आपको दो मिट्टी की हांडी लेनी है और उस हांड़ी को इसके ऊपर एक दूसरी मिट्टी की हांडी को उल्टा कर रख देना है जिससे दोनों एक दूसरे में मिल जाए मिट्टी के मुख्य को मजबूत कर देना है यानि कपड़मिट्टी करना हे कि इन दोनों मिट्टी किया तो इन दोनों मिट्टी की आकृति बन जाती है अब नीचे की मिट्टी की हांडी को आपको चढ़ा कर के नीचे से आग जला देनी है और ऊपर की मिट्टी की हांडी को आप को ठंडा करने के लिए गिला कपडा रखना है अगर आप गिला धार का प्रयोग कर रहे हैं तो उस जिला धार में जो पानी है पानी की गर्म होने पर आपको बार-बार उसे निकाल कर बार-बार उस में ठंडा पानी भर देना है या फिर अगर आप किसी गीले कपड़े का प्रयोग कर रहे हैं तो उस गीले कपड़े गरम होते ही आप उसे ठंडे पानी में डूबा कर वापस उस मिट्टी की हांडी में समय-समय पर रखते रहना है अगर वह मिट्टी की हांडी थोड़ी देर तक चूल्हे पर चढ़ी रहेगी तो उस मिट्टी की हांडी में रस का निर्माण हो जाएगा ठंडा होने पर आप उन दोनों मिट्टी की हानियों को नीचे उतार लेंगे नीचे उतार लेने के बाद उसका पर मिट्टी को हटाकर नीचे की हड्डी में जो पार्षद रखी हुई थी उसमें रसो का निर्माण हो चुका है उसे सावधानी पूर्वक निकल ले
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